Menu
blogid : 3769 postid : 723338

जन प्रतिनिधियों की जबाबदेही

सिर्फ हंगामे खड़े करना मेरा मकशद नहीं, मेरी कोशिश है ये सूरत बदलनी चाहिए।।।।।।।।
सिर्फ हंगामे खड़े करना मेरा मकशद नहीं, मेरी कोशिश है ये सूरत बदलनी चाहिए।।।।।।।।
  • 22 Posts
  • 4 Comments

सारे राजनीतिक दलो से चुनाव आयोग ने इस आम चुनाव में अपेक्षा की है की वे अपने चुनावी घोषणा पत्र में कोई भी ऎसा वादा नहीं करेंगे जो तर्कसंगत न हो. इस बार सारी पार्टियों के घोषणापत्र सम्भाल के रखना चहिये. आपका जन-प्रतिनिधि जीतने के बाद यदि वादे पूरा ना करे तो उसके खिलाप क्यों ना धोकाधडी का केस दायर किया जाएँ? क्या हम किसी प्रोडक्ट/सर्विस प्रोवाइडर के द्वारा ठगे जाने के बाद ग्राहक सेवा प्रतिनिधि से बात नहीं करते है? तो फिर चुनाव जीतने के बाद यदि कोई वायदे पूरे नहीं करता और कोई प्रतिनिधि आपकी बात ही नहीं सुनता तो क्या हम उस जन प्रतिनिधि के द्वारा ठगे नहीं गए है? यदि ऎसा है तो Consumer Protection Act, 1986 एवं IPC, Section 420 में सुधार की आवश्यकता है, इन जनप्रतिनिधियों को भी इस दायरे में लाने की आवश्यकता है.

जागो ग्राहक जागो!

अनुज कुमार करोसिया

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh